वैसे तो किशमिश सूखे हुए अंगूर का दूसरा रूप है परन्तु इसमें न सिर्फ अंगूर
के गुण विद्यमान होते हैं बल्कि दूध के भी लगभग सभी तत्व पाये जाते हैं।
डाक्टरों का कहना है कि किसमिश को दूध के अभाव में प्रयोग में लाया जा सकता
है, क्योंकि यह दूध की तुलना में जल्द ही पच जाता है।
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1- वृध्दावस्था में इसका नियमित इस्तेमाल करने से न सिर्फ बीमारियों से शरीर की रक्षा होती है अपितु उम्र वृध्दि में भी सहायक है। आयुर्वेद के अनुसार, किशमिश की शर्करा शरीर में शीघ्र ही पचकर आत्मसात् हो जाती है। जिससे शक्ति और स्फूर्ति प्राप्त होती है।
2- कठोर परिश्रम, कुपोषण अथवा किसी बड़ी बीमारी के पश्चात् जब हमारे शरीर की शक्ति क्षीण हो जाती है, चब खोई हुई ऊर्जा को पुनः हासिल करने के लिए किसमिश शरीर हेतु संजीवनी साबित होती है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि क्षीण होती शक्ति को दुरुस्त करने में किशमिश अरनी अहम् भूमिका निभाती है।
3- खाने में किशमिश मधुर सि्ग्ध, शीतल व पित्तशामक प्राकृतिक गुणों से भी परिपूर्ण होती है जिससे शरीर को अन्य कई फायदे भी होते हैं।
4- किशमिश खाने से जहां कब्ज, अनीमिया, बुखार और यौन रोग जैसे कई गंभीर रोगों का जोखिम कम हो जाता है, वहीं यह वजन बढ़ाने में भी मददगार है।
4- इसमें आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीशियम और फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो शरीर स्वास्थ्य रखने हेतु लाभकारी हैं।
5- मेवा के रूप में प्रसिध्द किशमिश कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करने और रक्तचाप को घटाने में मदद करता है।
6- रात्रि में जल में भिगोकर शबरत बनाकर सुबह शाम सेवन करने से पित्तशमन, वायुअनुलोमन तथा मल निस्सारण जैसे रोगों में भी लाभदायक होता है।
7- किशमिश रक्तपित्त, दाह एवं जीर्णज्वर को खत्म करने में रामबाण औषधि है। साथ ही, यह मुंह में होने वाले हानिकारक बैक्टीरिया की वृध्दि को भी रोकता है।
8- यदि आप शराब पीने की लत से बेहद परेशान है और इससे आपको छुटकारा नहीं मिल रहा तो शराब की तलब की शिकायत होने पर शराब के स्थान पर 10 से 12 ग्राम किशमिश नित्य चबाकर खायें तो चंद दिनों में ही शराब पीने की लत से पूर्णतया मुक्त हो जायेंगे। इस तरह, व्यक्ति खुद में शक्ति का संचार और प्रसन्नता का अनुभव करने लगेगा।
9- रोजाना किशमिश खाने से आंखों की रोशनी में बढ़ोतरी होती है। इसलिए यह आंखों के लिए संजीवनी है। 10- यह कैल्शियम का अच्छा स्रोत होने के कारण हमारी हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।
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1- वृध्दावस्था में इसका नियमित इस्तेमाल करने से न सिर्फ बीमारियों से शरीर की रक्षा होती है अपितु उम्र वृध्दि में भी सहायक है। आयुर्वेद के अनुसार, किशमिश की शर्करा शरीर में शीघ्र ही पचकर आत्मसात् हो जाती है। जिससे शक्ति और स्फूर्ति प्राप्त होती है।
2- कठोर परिश्रम, कुपोषण अथवा किसी बड़ी बीमारी के पश्चात् जब हमारे शरीर की शक्ति क्षीण हो जाती है, चब खोई हुई ऊर्जा को पुनः हासिल करने के लिए किसमिश शरीर हेतु संजीवनी साबित होती है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि क्षीण होती शक्ति को दुरुस्त करने में किशमिश अरनी अहम् भूमिका निभाती है।
3- खाने में किशमिश मधुर सि्ग्ध, शीतल व पित्तशामक प्राकृतिक गुणों से भी परिपूर्ण होती है जिससे शरीर को अन्य कई फायदे भी होते हैं।
4- किशमिश खाने से जहां कब्ज, अनीमिया, बुखार और यौन रोग जैसे कई गंभीर रोगों का जोखिम कम हो जाता है, वहीं यह वजन बढ़ाने में भी मददगार है।
4- इसमें आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीशियम और फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो शरीर स्वास्थ्य रखने हेतु लाभकारी हैं।
5- मेवा के रूप में प्रसिध्द किशमिश कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करने और रक्तचाप को घटाने में मदद करता है।
6- रात्रि में जल में भिगोकर शबरत बनाकर सुबह शाम सेवन करने से पित्तशमन, वायुअनुलोमन तथा मल निस्सारण जैसे रोगों में भी लाभदायक होता है।
7- किशमिश रक्तपित्त, दाह एवं जीर्णज्वर को खत्म करने में रामबाण औषधि है। साथ ही, यह मुंह में होने वाले हानिकारक बैक्टीरिया की वृध्दि को भी रोकता है।
8- यदि आप शराब पीने की लत से बेहद परेशान है और इससे आपको छुटकारा नहीं मिल रहा तो शराब की तलब की शिकायत होने पर शराब के स्थान पर 10 से 12 ग्राम किशमिश नित्य चबाकर खायें तो चंद दिनों में ही शराब पीने की लत से पूर्णतया मुक्त हो जायेंगे। इस तरह, व्यक्ति खुद में शक्ति का संचार और प्रसन्नता का अनुभव करने लगेगा।
9- रोजाना किशमिश खाने से आंखों की रोशनी में बढ़ोतरी होती है। इसलिए यह आंखों के लिए संजीवनी है। 10- यह कैल्शियम का अच्छा स्रोत होने के कारण हमारी हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।