दुनिया की बेहतर से बेहतर औषधियों में से ज्यादातर हमारे आस-पास मसालों और खाद्य पदार्थों के रूप में ही पायी जाती हैं। कई औषधियाँ आपके रेफ्रिजरेटर में या तो कई आपकी रसोई की अलमारी में हो सकती है और कई दफे इनके इस्तमाल ना किए जाने से जानकारी के अभाव में हम इन्हें फेंक देते हैं। अक्सर लोग बेहतर शारीरिक ताकत या रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए अपनी दिनचर्या को लेकर स्वयं की पीठ जरूर थपथपा लेते हैं लेकिन जाने अनजाने में वे भूल जाते हैं कि आखिर ये हुआ कैसे? दरअसल कहने का तात्पर्य यह है कि हमारे भोज्य पदार्थों को सही मात्रा में और संतुलित क्रम से उपयोग में लाया जाए तो इनके औषधीय गुणों का भरपूर फायदा लिया जा सकता है। चलिए जानते हैं 5 ऐसी ही चीजों के बारे में जो आपकी सेहत को दुरुस्त बनाने के लिए अत्यंत जरूरी है और जिनके औषधीय गुणों को आधुनिक विज्ञान भी मानता है।
लहसुन- आजकल बैक्टिरिया, वायरस और फफूंदजनित संक्रमण इतना हावी हो चुका है कि अधिकांश एण्टीबायोटिक्स का इन पर असर ही नही होता है और ऐसी स्थिति में सारे विज्ञान जगत की निगाहें हमारी रसोई के मसालों पर अटकी पड़ी है। लहसुन एक ऐसी वनस्पति है जिसके एण्टीबायोटिक गुणों की वजह से इसे सबसे महत्वपूर्ण जीवनदायी बूटी के तौर पर देखा जाने लगा है। लहसुन की जबरदस्त ताकत का एक उदाहरण MDR-TB (मल्टी ड्रग रेसिसटेंट ट्युबरकुलोसिस) जैसी बीमारी ठीक कर देना है। "सफेद प्लेग" के नाम से प्रचलित इस रोग के लिए अनेक एण्टीबायोटिक्स बाज़ार में लाए गए लेकिन सबने हाथ खड़े कर दिए लेकिन लहसुन सबसे ज्यादा प्रभावी रहा और रोग को जड़ से उखाड़ फेंक मारा। टी.बी. के अनेक स्ट्रेन्स को ठीक करने के लिए लहसुन उत्तम माना गया है।
एक नहीं अपितु अनेक घातक सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने के लिए लहसुन को सबसे कारगर माना जाता है। हर्पिस, पैरा इन्फ्लुएंजा, मुँह के इंफेक्शन, हेलिकोबैक्टर, क्लोस्ट्रिडियम, हैजा और पेचिस जैसे इंफेक्शन के नियंत्रण के लिए आज भी लहसुन सबसे सटीक उपाय है।
शहद- मधुमक्खियों द्वारा बना शहद सिर्फ स्वाद के हिसाब से ही नहीं अपितु सेहत के हिसाब से भी सर्वोपरी है। हम बड़े चाव से शहद को ब्रेड, चपाती और पराठों पर लगाकर खाते हैं लेकिन इसका स्वाद लेते समय शायद ही हमें बात का पता होता है कि हमारे द्वारा प्रकृति की सबसे प्रभावी और उत्तम औषधि का स्वाद लिया जा रहा है। शहद के अनेक औषधीय गुणों पर विज्ञान ने अपना ठप्पा लगा चुका है। जहाँ एक ओर शहद बैक्टिरिया जनित संक्रमणों को ठीक कर मारता है वहीं फफूंदनाशी गुणों की वजह से भी विज्ञान जगत में शहद एक चर्चा का विषय बना रहता है।
दाँतो पर प्लेक या पीलापन का बनना शहद के उपयोग के बाद कम हो जाता है। शहद "पूर्व से ही पचा हुआ" खाद्य पदार्थ होता है अत: इसकी कैलोरी वैसे ही कम होती है।
डायबिटिस और उच्च रक्तचाप के रोगियों और कैलोरी की चिंता करने वाले व्यक्तियों के लिए शहद का सेवन जीवनदायी है।
सेव- अंग्रेजी की एक कहावत के अनुसार प्रतिदिन एक सेव का सेवन आपकी अनेक स्वास्थ्य समास्याओं के निदान के लिए काफी है। आधुनिक विज्ञान ने भी इस बात को साबित किया है कि सेव का नियमित सेवन अनेक रोगों को दूर भगा देता है। कोलोरेक्टल कैंसर के निदान के लिए तो जैसे सेव एक वरदान है। जितने सेव का सेवन आप करेंगे, उतना ही इस कैंसर से आप दूर रहेंगे।
माना जाता है कि सेव के नियमित सेवन से यौवन बना रहता है और बुढ़ापा आपके करीब इतनी आसानी से नहीं आता है, आधुनिक विज्ञान इस प्रक्रिया को एंटी-एजिंग कहता है। सेव का सेवन अनेक प्रकार की एलर्जी के नियंत्रण के लिए भी गुणकारी है।
बालों का निरंतर झड़ना हो या दस्त की समस्या या कैंसर रोग में रेडियेशन के बाद होने वाली कमजोरी, सेव इन सब में गजब का काम करता है। लिवर कैंसर जैसी घातक बीमारियों के इलाज में सेव एक औषधि के तौर पर इस्तमाल किया जाता है। सूर्य का प्रकाश या धूप- अब तक हम मसालों, फलों और सब्जियों की बात कर रहे थे लेकिन अचानक सूर्य प्रकाश का जिक्र हुआ, चौंकिये मत। यहाँ सूर्य के प्रकाश की ही बात की जा रही है। सूर्य की रौशनी हमारी ही नहीं अपितु सारी दुनिया की ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है और यकीनन इसको खाद्य का एक प्रकार ही माना जाना चाहिए क्योंकि जाने अनजाने हम सूर्य प्रकाश का उपभोग तो करते ही हैं। हमारे शरीर पर सोलर-पैनल की तरह मेलानिन कण होते हैं जो इसे अवशोषित करते हैं। सूर्य की रौशनी को ग्रहण करके विटामिन डी का निर्माण होता है जो हमारे शरीर के कम से कम 2000 जीन्स को नियंत्रित करता है।
विटामिन डी के निर्माण के अलावा सूर्य की रौशनी अल्जीमर्स, डिप्रेशन, डर्माटायटिस, मल्टीपल स्कलेरोसिस, सोरियासिस जैसे रोगों के निपटारे के लिए कारगर है और इन सब की पुष्ठी आधुनिक शोध बखूबी करती हैं। जरा सुबह जल्दी उठकर सूर्यदेव के दर्शन तो करिए, जीवनचक्र तो ठीक होगा ही, जाने अनजाने में आप अनेक रोगों से लड़ने के लिए मिसाईल भी तैयार कर लेंगे।
हल्दी - दुनिया की सबसे मशहूर औषधियों में से एक हल्दी अनेक रोगपचारों में रामबाण की तरह काम करती है। आधुनिक विज्ञान ने भी कम से कम 500 अलग-अलग रोग निवारण और फॉर्मुलों में हल्दी की उपयोगिता की बात साबित किया है।
अनेक रोगों के लिए रामबाण हल्दी को दुनिया के तमाम देश आज भी प्राथमिक चिकित्सा से लेकर अनेक घातक रोग निवारण के लिए सर्वोपरी मानते हैं। हल्दी के सफल उपयोग के आधुनिक शोध प्रमाण जहाँ एक ओर इन्फ्लेमेशन, कोलेरेक्टल कैंसर, कोलोन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, लिपिड पेरोक्सीडेशन जैसी घातक समस्याओं में मिले हैं वहीं दूसरी ओर घाव सुखाना, खून सफाई और मुहाँसों जैसी साधारण समस्याओं में भी विज्ञान ने हल्दी का लोहा माना है।